''काव्य सरिता''
Tuesday 17 June 2014
फ़ैसला….हौसला
न रुकना है
किसी राह पे
यह फ़ैसला
करके
चले हैं….
बिछड़ेंगे नहीं
कभी भी
दिल में ये हौसला
रख के
चले हैं.....
--सुनीता
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